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तकनीक भी क्या कमाल की चीज है। जिन बातों की कल्पना भी कुछ सालों पहले तक नहीं की जाती थी, वे आज हकीकत बनकर सामने हैं। फोन से लेकर टैबलेट पीसी तक रोज नए मॉडल हाथ में होते हैं।
एक बानगी देखिए, अम्मी दोपहर को खाना बना रही हैं और टीवी पर उनका मनपसंद सीरियल आ रहा है। दोनों में से कुछ छोड़ा न जा रहा है, और अम्मी हैं कि टीवी से तवे तक कदमताल करने में ही पस्त हैं। क्या मजा हो जो कुछ ऐसा जादुई मिल जाए जो हाथ में उठाकर ठीक गैसस्टोव के ऊपर टांग लिया। अब अम्मी के हाथ तवे पर रोटियां फुला रहे हैं तो आंखें सीरियल का मजा लूट रही हैं। बड़े भैया को शाम को जयपुर जाना था, तो अम्मी की रसोई से उस जादुई स्क्रीन को निकालकर अपनी जेब में डाल ले गए और बस के पांच घंटे के सफर में उसी जादुई स्क्रीन पर अवतार को इस बार फुर्सत से देख डाला। अगले दिन दोपहर में लौटते हुए उन्हें बस में ही याद आया कि बॉस के एक जरूरी मेल का जवाब तो भेजा ही नहीं था, लिहाजा झट से उस जादुई स्क्रीन को निकाला और ब्लूटूथ से अपने फोन से कनेक्ट किया, हो गई स्क्रीन तैयार और फटाफट बॉस को जवाबी मेल दे मारा। बस स्टैंड से लौटते हुए कार में उस स्क्रीन को डैशबोर्ड पर किया फिक्स और जोड़ दिया कार के म्यूजिक सिस्टम के साथ। संगीत बहने लगा। वही स्क्रीन पहले से फोन से ब्लूटूथ से जुड़ी थी। अम्मी ने घर से फोन किया तो कार का म्यूजिक सिस्टम किशोर कुमार के गाने की जगह मां की हैलो सुनाने लगा। मां को बताया कि चंद मिनटों में घर पहुंचता हूं। संतुष्ट मां ने उधर फोन रखा और इधर किशोर कुमार फिर चालू। क्या कमाल है।
यह सब कल्पना नहीं है, यह वो हकीकत है जिसे आज की टेक्नोलॉजी अंजाम दे रही है। हर काम के लिए अलग-अलग तकनीक तो हमारे पास पहले से थी, लेकिन एक उपकरण से ज्यादा से ज्यादा काम करा लेना आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती है। ऊपर हमने जिस स्क्रीन का जिक्र किया, वह भी अब हकीकत है और जल्द ही हमारे हाथों में होगी। सबसे मजेदार बात यह है कि वह हमारे जेब के बूते के बाहर की बात नहीं होगी। वह बस एक अच्छे मोबाइल फोन की कीमत बराबर होगी (आठ हजार रुपये से कम)। यह मुमकिन बनाया है देवराज ग्रुप की लक्ष्मी एक्सेस कम्युनिकेशंस सिस्टम प्राइवेट लि. (एलएसीएस) ने। मैग्नम नाम का यह टच मीडिया डिवाइस लगभग तैयार है और महीने भर में बाजार में आपके सामने होगा।
टेक्नोलॉजी की दुनिया हाल ही में एप्पल के आईपैड की लांचिंग की खबरों से गर्म थी। लेकिन एलएसीएस के सीईओ महेंद्र कुमार जैन का दावा है कि फीचर्स में मैग्नम किसी भी तरह से आईपैड से उन्नीस नहीं हैं जबकि कीमत में उससे एक तिहाई। यह एक टच स्क्रीन डिवाइस है। ऊपर बताई गई खूबियों के अलावा आप उसका इस्तेमाल जीपीआरएस, नैविगेशन के लिए और ऑडियो-वीडियो प्लेयर, एफएम रेडियो, ईबुक, डिजिटल फोटो ऑर्गनाइजर आदि के तौर पर भी किया जा सकता है। डिवाइस में स्पीकर इन-बिल्ट हैं, लेकिन अलग से स्पीकर भी जोड़े जा सकते हैं। कंपनी के टच इनफोटेनमेंट डिवाइस (टीआईडी) में तो सिम कार्ड लगाने का स्लॉट भी है, यानि आप चाहें तो इसे मोबाइल फोन के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। और तो और इसे आप चार इंच से लेकर सात इंच तक की मनपसंद स्क्रीन साइज और 2 जीबी से 32 जीबी तक की मैमोरी क्षमता में हासिल कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे जेब में डालकर घूम सकते हैं। इसे यूएसबी के जरिये कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है। इसकी ताकतवर बैटरियों को सामान्य चार्जर के अलावा कार बैटरी चार्जर से भी चार्ज किया जा सकता है।
कंपनी छह दशकों से संचार उपकरणों, खास तौर पर एंटरप्राइज ट्रैकिंग सर्विसेज के क्षेत्र में सक्रिय है और इस डिवाइस को विकसित करने में भी वह चार साल से लगी है। कंपनी ने देश-विदेश की शीर्ष कंपनियों से विभिन्न एप्लीकेशंस के लिए करार किए हैं। भारतीय बाजार के लिए यह एक अनूठा उत्पाद होगा। शुरू में इसकी भाषा अंग्रेजी होगी लेकिन कुछ समय बाद इसे आठ-नौ भारतीय भाषाओं में इस्तेमाल करने की सुविधा होगी। तब एक छोटा सा सॉफ्टवेयर डाउनलोड करके इसे अपडेट किया जा सकेगा। कंपनी दस लाख ऐसे डिवाइस बेचने का लक्ष्य लेकर बाजार में उतर रही है।
मैग्नम में एप्पल के आईपैड जैसी भव्यता भले ही न हो, लेकिन उपयोगिता भरपूर है। एप्पल के बारे में कुछ बातें हम लोग जानते हैं- उसके उत्पाद शानदार भले ही होते हों, लेकिन एक सीमित और खास वर्ग के लिए होते हैं। आम लोगों की पहुंच से बाहर। इसीलिए उनकी कीमत खासी होती है और ग्राहक कम। भारत में कई कंपनियां इस तरह के उपकरण बना रही हैं। जाहिर है, एप्पल के आईपैड के लिए भारत में कई चुनौतियां हैं। देखना यह होता है कि कौन अपने उपकरण में कितनी पैकेजिंग कर पाता है। एलएसीएस का मैग्नम इस मामले में फिलहाल अव्वल नजर आता है।
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