Menu
blogid : 54 postid : 8

अवार्ड़ या छेड़छाड़ का लाइसेंस

फाकामस्ती
फाकामस्ती
  • 15 Posts
  • 176 Comments

रुचिका मामले में राठौड़ को आईना दिखाने के बाद क्या केपीएस गिल पर नकेल कसी जाएगी? मामला गरमा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या गिल से भी पद्मश्री सम्मान वापस ले लिया जाना चाहिए? रूपन देओल बजाज से छेड़छाड़ के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत उन्हें दोषी ठहरा चुकी है। केंद्र सरकार यह ऐलान कर ही चुकी है दोषी पुलिस अफसरों से सम्मान में मिले तमगे वापस लिए जाएंगे।
लेकिन यह केवल पुलिस अफसरों पर क्यों लागू हो? शर्त तो दरअसल हर ऐसे सम्मान के साथ जुड़ी होनी चाहिए। क्यों न यह बात संहिताओं में दर्ज हो कि कोई भी राजकीय सम्मान, चाहे वो किसी भी स्तर का क्यो न हो. ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं मिलेगा जो किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिया गया हो। और अगर कोई व्यक्ति सम्मान मिलने के बाद दोषी पाया जाए तो उससे सम्मान वापस ले लिया जाए, सारी सरकारी सुविधाएं वापस ले ली जाएं- चाहे वो नेता हो, अफसर या कोई और।
लेकिन हमारे देश में कई मसलों को राष्ट्रवाद के चश्मे से देखने का शगल है। ऐसे लोगों को गिल केवल एक काबिल पुलिस अफसर नजर आते हैं (हालांकि मुझे उसमें भी संदेह हमेशा रहा है), और लिहाजा उनकी बाकी गलतियां नजरअंदाज कर दी जाएं? लेकिन क्या किसी की तथाकथित काबिलियत उन्हें महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करने का लाइसेंस दे देती है? हैरानी तो मुझे देश के वरिष्ठ वकील और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल रह चुके के टी एस तुलसी की टिप्पणी से हुई, जिन्होंने कहा कि साहस के काम को ऐसी छोटी गलतियों से संतुलित करना होगा।
क्या पुरुष किसी भी महिला के साथ जो चाहे कर सकता है, सिर्फ इसलिए कि वह किसी न किसी विधा में काबिलियत रखता है, और अपनी तमाम कुंठाओं को वह उससे संतुलित कर सकता है? तुलसी जैसे लोगों की दलीलें उन तमाम अफसरों व नेताओं को प्रोत्साहन देती हैं जिनकी शिकार न जाने कितनी महिलाएं इस देश के भ्रष्ट तंत्र में होती रहती हैं और जिनकी आवाज गले में घोंट दी जाती है। जेसिका या रुचिका जैसी बहुत कम होती हैं, नदी के पानी में अंजुल बराबर, जिनकी लड़ाई न्याय के मुकाम तक पहुंच पाती है। इस हालात को बदलने के लिए देश के पुरुषों में बहुत साहस और अपने गिरेबां में झांकने के हौसले की जरूरत है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh